एक मजदूर से
बतियाते हुए
उसकी एक बात
पर मुझे
आश्चर्य हुआ
जब उसकी दिनचर्या
और आमदनी
के बारे
में
मैंने पूछा ,
वह कुछ न बोल, चुप रह गया ....
फिर कुछ देर बाद एक सवाल पर,
मुझे ऐसा जवाब मिला ,
जिसमे उसने एक ही बात को दो
तरीके से कह कर ,
मेरे सामने कई सारे प्रश्न छोड़ दिए ।
कुछ प्रश्नों के हल भले ही मिल जाते हैं
पर कुछ ऐसे भी होते हैं ,
जिसके बारे में मिले उत्तर
उसे समझाने के लिए पर्याप्त नहीं होते हैं .
मैंने मजाक किया था उससे और कहा था
अभी भी प्यार करते हो अपनी औरत को !
इस बात पर वो झेंपा नहीं
और
नीरस सा होकर उसने कहा था
साहब! पहले उसकी फटी साडी से दिखता पीठ
चार बच्चों के जन्म का कारण बना
अब उसी पीठ में अपने वर्तमान
और
आने वाली गरीबी की तस्वीर देख रहा हूँ ....!!
राहुल पाण्डेय ''शिरीष''
वह कुछ न बोल, चुप रह गया ....
फिर कुछ देर बाद एक सवाल पर,
मुझे ऐसा जवाब मिला ,
जिसमे उसने एक ही बात को दो
तरीके से कह कर ,
मेरे सामने कई सारे प्रश्न छोड़ दिए ।
कुछ प्रश्नों के हल भले ही मिल जाते हैं
पर कुछ ऐसे भी होते हैं ,
जिसके बारे में मिले उत्तर
उसे समझाने के लिए पर्याप्त नहीं होते हैं .
मैंने मजाक किया था उससे और कहा था
अभी भी प्यार करते हो अपनी औरत को !
इस बात पर वो झेंपा नहीं
और
नीरस सा होकर उसने कहा था
साहब! पहले उसकी फटी साडी से दिखता पीठ
चार बच्चों के जन्म का कारण बना
अब उसी पीठ में अपने वर्तमान
और
आने वाली गरीबी की तस्वीर देख रहा हूँ ....!!
राहुल पाण्डेय ''शिरीष''