धन है उसके पास
जो मेरे पास नहीं है ।
जीवन है उसके पास ,
मेरे पास सांस नहीं है ।
अब एक पल भी ,जीने की
मुझमे चाह नहीं है।
चाहता हूँ मर जाऊँ ,
पर कायर नहीं हूँ ।
एक खुली सांस लेने के लिए ,
मेरे पास छोटा आकाश नहीं है ।
अंधेरे से निकालना चाहता हूँ ,
पर प्रकाश नहीं है ।
झरने हैं आगे पर ,
प्यास नहीं है ।
मेरे कर्मो को जान कर भी ,
मेरी किसी को तलाश नहीं है ।
गीत हैं उसके पास ,
मेरे पास आवाज नहीं है।
जी रहा हूँ जिंदगी पर ,
इसका कोई सारंस नहीं है ॥
----शिरीष
जो मेरे पास नहीं है ।
जीवन है उसके पास ,
मेरे पास सांस नहीं है ।
अब एक पल भी ,जीने की
मुझमे चाह नहीं है।
चाहता हूँ मर जाऊँ ,
पर कायर नहीं हूँ ।
एक खुली सांस लेने के लिए ,
मेरे पास छोटा आकाश नहीं है ।
अंधेरे से निकालना चाहता हूँ ,
पर प्रकाश नहीं है ।
झरने हैं आगे पर ,
प्यास नहीं है ।
मेरे कर्मो को जान कर भी ,
मेरी किसी को तलाश नहीं है ।
गीत हैं उसके पास ,
मेरे पास आवाज नहीं है।
जी रहा हूँ जिंदगी पर ,
इसका कोई सारंस नहीं है ॥
----शिरीष