Tuesday 13 March 2012

सीवन उभरी है आज ....

यादों के पर्दों की सीवन
उभरी है आज ।
अंतरपट के मंच के किरदारों
को अंशुमाला मिलेगी ।
वो तमस को भेद आएंगे ,
जो अकारणीय धूमन में
गुम हुए थे ।
नातवान समझा जिसे
लोगो ने
पृष्टभूमि कल की बदलने
निकले हैं आज ।
तौफीक थे उनके स्वर
बंदिश बना दी
गैहान ने
बुलंदियों पर
दस्तक देगी आज ,,,,,
यादों के पर्दों की सीवन
उभरी है आज ।

......राहुल पाण्डेय "शिरीष"

1 comment:

  1. सरलतम भाषा के उपयोग से आपको अपने उद्देश्य में अधिक सफलता मिल सकती है

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