और भी कुछ है .......
वो भी है ,मैं भी हूँ ,और भी कुछ है ,
रातें भी हैं ,बातें भी हैं ,और मुलकते भी कुछ हैं ,
जिसपे सारी दुनिया को त्याग आए ,
ऐसी सौगते भी कुछ है ।
नजरे भी हैं ,नज़ारे भी हैं ,आसमान मे सितारे भी कुछ हैं,
बेहतर हैं ;हम हैं ;अपने शहर मे ,
दूसरे शहर मे पहरेदार भी कुछ हैं।
आंसू भी है ,खुशियाँ भी हैं ,दिल मे खवाइशे भी कुछ हैं ,
लोगो के होठो से मेरे जुमले निकले ,
ऐसी प्रबल आजमाइशे भी ,कुछ हैं ।
राहुल पाण्डेय "शिरीष"
वो भी है ,मैं भी हूँ ,और भी कुछ है ,
जो दिखता नहीं प्यार मे,
प्यार मे वही तो सब कुछ है । रातें भी हैं ,बातें भी हैं ,और मुलकते भी कुछ हैं ,
जिसपे सारी दुनिया को त्याग आए ,
ऐसी सौगते भी कुछ है ।
नजरे भी हैं ,नज़ारे भी हैं ,आसमान मे सितारे भी कुछ हैं,
बेहतर हैं ;हम हैं ;अपने शहर मे ,
दूसरे शहर मे पहरेदार भी कुछ हैं।
आंसू भी है ,खुशियाँ भी हैं ,दिल मे खवाइशे भी कुछ हैं ,
लोगो के होठो से मेरे जुमले निकले ,
ऐसी प्रबल आजमाइशे भी ,कुछ हैं ।
राहुल पाण्डेय "शिरीष"
bahut khoob pandey ji....
ReplyDeletedhnyabad sir ji ..aapka sneh milte rahe ....asha karta hu
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